tag:blogger.com,1999:blog-9216577.post110239124068024215..comments2023-10-26T11:30:09.053-04:00Comments on तत्काल: महाराजा की संस्तुतिविजय ठाकुरhttp://www.blogger.com/profile/07434149725823745952noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-9216577.post-1102534766693474832004-12-08T14:39:00.000-05:002004-12-08T14:39:00.000-05:00जी हाँ आलोक भाई, पढने के अलावा मेरे जिम्मे इस विश्...जी हाँ आलोक भाई, पढने के अलावा मेरे जिम्मे इस विश्वविद्यालय में हिन्दी पढाना भी शामिल है। विदेशी भाषा के रूप में हिन्दी सिखाते हुये कई बार काफी रोचक गलतियाँ देखने को मिलती है। और इन गलतियों को अक्सर आप 'प्रेडिक्ट' कर सकते हैं। भाषाविज्ञान की दृष्टि से ये गलतियाँ हमारे भाषा सीखने की प्रक्रिया के बारे में बहुत कुछ सिखाती है। <br />खैर ये वाक्य सिर्फ एक शब्द के बदले दूसरे शब्द के प्रयोग से कैसा प्रभाव उतपन्न होता है इसलिये दिया था क्योंकि अक्सर ये छात्र जो शब्दकोष से देखकर लिखते हैं, संदर्भ से अपरिचित होते हैं।विजय ठाकुरhttps://www.blogger.com/profile/07434149725823745952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9216577.post-1102486161094135582004-12-08T01:09:00.000-05:002004-12-08T01:09:00.000-05:00लगता है विजय जी फ़िरङ्गियों को हिन्दी पढ़ाते हैं।
...लगता है विजय जी फ़िरङ्गियों को हिन्दी पढ़ाते हैं।<br /><br />रात के खाने के लिये अनेक चुनाव हैं। <br />यानी कि खाने में व्यञ्जन कई हैं।<br /><br />इसलिये इस खाने की मैं संस्तुति करती हूँ।<br />मतलब इन्हें यह खाना बहुत पसन्द है।<br /><br />यूँ समझिए कि उनकी हिन्दी वैसी ही है जैसी हमारी अङ्ग्रेज़ी।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9216577.post-1102482367145599832004-12-08T00:06:00.000-05:002004-12-08T00:06:00.000-05:00ठाकुर सा,
एक तो आप के चिट्ठे की एनकोडिंग में कोई ...ठाकुर सा,<br /><br />एक तो आप के चिट्ठे की एनकोडिंग में कोई अड़ंगा है। हमेंशा पहली बार कचरा नजर आता है। दूसरा ये कि ये हिन्दी कक्षा की कथा क्या है।<br /><br />पंकजAnonymousnoreply@blogger.com