Thursday, September 06, 2007
मिशिगन से नमस्कार
सभी चिट्ठाकार बंधुओ को मेरा सादर नमस्कार। यह चिट्ठा अमरीका के मिशिगन प्रांत से लिख रहा हूं , जहां मिशिगन विश्वविद्यालय के एन आर्बर कैम्पस मे इस साल हिंदी शिक्षक नियुक्त हुआ हूं । आशा है चिट्ठाकारी का सिलसिला एक बार फिर से चल पडेगा। एन आर्बर शिकागो के उत्तर Detroit के पास कनाडा के शहर windsor से तकरीबन पचास मील दक्षिन स्थित है। वैसे यह शहर मिशिगन विश्वविद्यालय की वज़ह से ही ज्यादा जाना पहचाना जाता है। यह पोस्ट गूगल भैया के translitrator की मदद से लिख रहा हूं जिसमे मुझे काफी असुविधा महसूस हो रही है। अभ्यास करने के बाद जल्दी से आपका परिचय सबसे पहले इस शहर से कराएंगे। फिलहाल तो इतना सा लिखने के ही मुझे लगभग २०-२५ मिनट लग चुके है।
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स्वागत है आपका. आप तो हमारे बिल्कुल पास हैं टोरंटो से. खूब जमेगी भाई. लिखना शुरु करें. इन्तजार है. आगे बात होती है राह में. :)
ReplyDeleteहिन्दी के चिट्ठाकारी छोड़कर कहाँ चले गये थे? एतना दिन का करते रहे, कहाँ थे?
ReplyDeleteखैर कुछुओ हो, फिर से आपको पाकर हिन्दी चिट्ठाजगत धन्य हुआ.
वाह विजय भाई, आप आए बहार आयी। चलो बहुत दिनो बाद ही सही, आप लौटे तो।
ReplyDeleteअमरीका से भारत और वापस अमरीका की स्टोरी सुनने के लिए हम सब बेताब है।
पुनः स्वागत है . लिखना शुरु करें .
ReplyDeleteअरे वाह, हमने अभी कुछ दिन पहले ही याद किया था कि तत्काल एक्सप्रेस और उसके डिब्बे किधर है। आप आ गये बहुत अच्छा लगा। यहां भी बच्चों को ब्लाग लिखना शुर कराइये, सिखाइये। धुंआधार लिखकर पुराना बैकलाग क्लियर करिय। :)
ReplyDeleteसुखद वापसी। लिखते रहिये और तख्ती पर लौट आईये, दनादन टाईप होता है :)
ReplyDeleteदेखकर अच्छा लगा कि आप लौट आएं है , अब आपके फ़ार्म में लौट आने की प्रतीक्षा रहेगी!!
ReplyDeleteआपकी पिछली पारी के कुछ नायाब नमूने देखने के बाद इस नई पारी में आपकी तत्काल एक्सप्रेस की नियमित सवारी करने का लुत्फ उठाने के लिए तत्पर हूं।
ReplyDeleteआपने जहां से चिट्ठाकारी के सफर को विराम दिया था, वहां से गाड़ी कई स्टेशन आगे बढ़ चुकी है, लेकिन एक बार फिर से आपने गाड़ी पकड़ ली है। अब साथ न छूटे, सफर में बने रहें।
वापस स्वागत है विजय भाई, हमारा आपसे दो साल बाद चिट्ठाजगत में आना हुआ लेकिन फुरसतिया जी की पोस्ट से तथा ब्लॉनाद पर आपके पॉडकास्ट से आपके बारे में जानकारी मिली। उम्मीद है अब नियमित लिखेंगे।
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