Sunday, December 07, 2008

नए सिंगूरों की तैयारी


झारखण्ड में विगत कुछ वर्षों से बहुत से औद्योगिक घरानों की कई परियोजनाएं लंबित पडी है. राज्य सरकार के पास भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं क्षतिपूर्ती की कोई ठोस योजना नहीं होने की वजह से राज्य में जहाँ तहां विरोध प्रदर्शन आक्रोश का रूप लेता जा रहा है. मित्तल, टाटा, जिंदल, को पिछले दो एक वर्षों में उग्र आदिवासी प्रदर्शनों का सामना करना पडा है. इस कडी में कल दुमका के काठीडीह में जहाँ एक बिजली परियोजना प्रस्तावित है, ग्रामीण लोग उचित मुआवजा दिए जाने एवं उस क्षेत्र के कुछ गिरफ्तार ग्रामीणों को रिहा किए जाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जमा हो रहे थे जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कोशिश की तो ग्रामीण उग्र हो गए. इस सिलसिले में आंसू गैस इत्यादि के प्रभावहीन होने के बाद पुलिस फायरिंग में कम से कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी है और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

No comments:

Post a Comment