अगर स्टेट्समैन के इस खबर को कुछ शुभ संकेत माना जाये तो हिन्दी जगत के तकनीकी विकास और कम्प्यूटर की दुनिया में सिर्फ़ हिन्दी समझने-बोलनेवालों के लिये एक और वरदान सामने आनेवाला है। अंग्रेजी अखबार के मुताबिक विदिशा निवासी 26 वर्षीय श्री जगदीप डांगी ने कुछ ऐसा कर दिखाने का दावा किया है कि जो माइक्रोसाफ्ट ने कुछ वर्षों पहले करने का प्रयास किया था और असफल रहे थे। बचपन में ही अपनी बाँयीं आँख और दाहिना पैर गँवा देने वाले डांगी ने हिन्दी एक्सप्लोरर का विकास कर सचमुच एक बड़ी उपलब्धी हासिल की है। अब श्री डांगी इस इंतज़ार में हैं कि माइक्रोसाफ्ट उनके इस इज़ाद को खरीदने के लिये आगे आएगी। श्री डांगी को मेरी और सभी हिन्दी प्रेमी भाई-बहनों की ओर से बधाइयाँ और शुभकामनायें।
पूरी खबर पढने के लिये अंग्रेजी अखबार ' द स्टेट्समैन' पर जायें।
Saturday, November 20, 2004
हिन्दी एक्सप्लोरर
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