ज़रा सोचिए हनुमान-जी पेड़ से कूदकर आपका स्वागत करें आप उनको कुछ लड्डू अर्पण करें फिर आगे बढिए प्रभुवर विष्णु मुस्कुराते हुए आपका स्वागत करें, आगे जाइये तो गंगा मैया आपको नौका-विहार के लिए आमंत्रित करती नज़र आए। पार्क में विहार करते हुए किसी डाली पर जटायु तो कहीं रामजी के दशाश्वमेध का घोड़ा, ई-मेल करते पंडित और अमरीका और इंग्लैंड के लिए प्रयुक्त (आउटसोर्सड) तांत्रिक, आनलाईन चढावा, पुष्पक विमान के द्वारा डिजनी के झूले का मज़ा सब एक साथ आपको मिल जाए तो कैसा रहे? जी हाँ तो इंतज़ार कीजिए अगले दो साल के अंदर हरिद्वार में ऐसा एक थीम पार्क बनकर आपका स्वागत करने को तैयार होगा। उत्तराँचल सरकार की हरी झंडी भी मिल चुकी है इस प्रोजेक्ट को। इस प्रोजेक्ट के द्रष्टा हैं हज़रत शिव सागर, अरे वही अपने रमानंद सागर के पौत्र-श्री।
पूरी ख़बर बीबीसी पर उपलब्ध है।
Thursday, April 28, 2005
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